गायत्री परिवार द्वारा वसंतपर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया


मुंबई। गायत्री परिवार युवा प्रज्ञा मंडल ट्रस्ट नालासोपारा के अंतर्गत अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में संस्था द्वारा 2 फरवरी रविवार बसंत पंचमी के पावन पर्व पर बड़े ही उत्साह एवं धार्मिक वातावरण में नालासोपारा पूर्व स्थित ओम यमुना अपार्टमेंट गायत्री परिवार युवा प्रज्ञा मंडल ट्रस्ट के साधकों ने समूह की शक्ति के साथ गुरुसत्ता के केंद्रीय कार्यालय पर सामूहिक साधना, स्वाध्याय, ध्यान किया। संस्था से जुड़े सभी वरिष्ठ - युवा साधक एवं नन्हे - मुन्ने साधकों ने गायत्री महामंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र का सामूहिक जप, युगनिर्माण हेतु गुरुचरणों में समर्पित किया। 

अखिल विश्व गायत्री परिवार के सूत्रधार, संस्थापक युग ऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी का आध्यात्मिक जन्म दिवस (बोध दिवस) दिप यज्ञ कर मनाया गया।बसंत पंचमी को गायत्री परिवार संस्थापक गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।

गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा का जन्म आगरा शहर के समीप आँवलखेड़ा में सन 1911 में हुआ था। पंडित श्रीराम शर्मा ने मात्र 12 साल की उम्र में आध्यात्म की राह पकड़ ली थी। इस छोटी सी उम्र में वसंत पंचमी पर अपने गुरु स्वामी सर्वेस्वरानंदजी से प्रभावित होकर साधना पथ पर अग्रसर हुए।तबसे इन्होंने इस तिथि को अपना आध्यात्मिक जन्मदिन माना और जीवनभर वसंत पंचमी को अपना जन्मदिन मनाते रहे। अध्यात्म के क्षेत्र में उन्होंने 24 वर्षो तक जौ की रोटी और गाय के दूध की छाछ पर 24-24 लाख के 24 गायत्री महामंत्र के महापुरश्चरण संपन्न किए।

पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य में सृजन की इतनी विलक्षण क्षमता थी कि उन्होंने अपने निश्छल एवं पवित्र प्रेम से सींचकर करोड़ों भावनाशील लोगों को अपना मानस पुत्र बनाकर विशाल गायत्री परिवार का संगठन खड़ा किया। उन्होंने धर्मतन्त्र से लोकशिक्षण की प्रक्रिया संपन्न करते हुए चार हजार शक्तिपीठों, हजारों प्रज्ञापीठों का निर्माण किया। गायत्री तपोभूमि मथुरा से लेकर शांतिकुंज की स्थापना की। भौतिकता और अंधी दौड़ लगाते तथाकथित प्रबुद्ध वर्ग को भटकाव से बचाकर सही राह दिखाने वाला 3200 साहित्य रचकर उन्होंने विचारक्रांति अभियान का सूत्रपात किया।

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